बाजार की आगे की चाल और दिशा पर बात करते हुए एंबिट कैपिटल के सौरभ मुखर्जी ने कहा कि ग्लोबल नजरिए से देखें तो अब बात यूएस फेड के दरें बढ़ाने से आगे निकल गई है। अब चिंता यूएस बॉन्ड यील्ड के बढ़ने को लेकर है। अगर यूएस बॉन्ड ईल्ड बढ़ता है तो उभरते बाजारों से पैसा निकलना शुरू हो जाएगा।
देश के स्टॉक मार्केट पर राजनीतिक उठापटक का ज्यादा असर नहीं होना चाहिए। बाजार के नजरिए से लिक्विडीटी फैक्टर ज्यादा अहम होगा। पिछले 3-4 महीनों में लिक्विडिटी कम हुई है। लिक्विडिटी कम होने से बाजार पर काफी असर होगा। लिक्विडिटी के प्रति आरबीआई का क्या रवैया रहता है इस पर नजर रहनी चाहिए।
सौरभ मुखर्जी का कहना है कि देश की इकोनॉमी में सुधार साफ दिख रहा है। अगर आगे भी इकोनॉमी रफ्तार में रहती है तो मेटल और माइनिंग सेक्टर में अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी। इसके अलावा अभी से लेकर इलेक्शन तक ग्रामीण इकोनॉमी पर आधारित शेयरों में अच्छी बढ़त देखने को मिलेगी जिसमें ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों के शेयर शामिल हैं।
सौरभ मुखर्जी की कासा फंडेड प्राइवेट बैंको को भी पोर्टफोलियो में रखने की सलाह है। इसके आलावा आज के माहौल में एक अच्छी आईटी और एक अच्छी फार्मा कंपनी को अपने पोर्टफोलियो में जरूर रहना चाहिए। सौरभ मुखर्जी की पीएसयू बैंको से दूर रहने की सलाह है। वित्त वर्ष 2019 में ऑटो एंसिलरी सेक्टर में भी बढ़ती कमोडिटी कीमतों की वजह से दबाव देखने को मिलेगा।
अधिक जानकारी के लिए कृपया हमसे संपर्क करें 8817002233 or whatsapp no. 8602780449
http://www.starindiaresearch.com/freetrail.php
No comments:
Post a Comment