Thursday 25 January 2018

पीएसयू बैंकों की परफॉर्मेंस के आधार पर रैंकिंग

अब पीएसयू बैंकों को सरकार से पैसे चाहिए तो उन्हें ग्राहकों का खास ख्याल रखना होगा। बैंकों को अनाप-शनाप खर्चे बंद करने होंगे और रेवड़ियों की तरह कर्ज बांटने से परहेज करना होगा क्योंकि सरकार ने बैंकों की रैंकिंग तैयार करने का फैसला किया है। अब ई यानि एन्हैंस्ड, ए यानि एक्सेस, एस यानि सर्विस और ई यानि एक्सिलेंस बैंकों की रैंकिंग का आधार बनेगा।



अब ग्राहकों का खास ख्याल रखते हुए हर साल बैंकों की रैंकिंग होगी। रैंकिंग करते समय शिकायतों के निपटारे की सुविधा, खाता खोलने के की सरलता को ध्यान में रखा जाएगा। 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच खोलने पर जोर होने के साथ ही बैंकों को छोटे उद्यमियों को 15 दिन में लोन देना होगा। एनपीए से निपटने के लिए स्ट्रेस एसेट मैनेजमेंट वर्टिकल के तहत अब बैंकों को पूरी छानबीन के बाद कॉरपोरेट्स को कर्ज देना होगा। 250 करोड़ से ज्यादा के लोन देने के बाद फॉलोअप जरूरी होगा। इस पर एक एजेंसी के जरिए लगातार नजर रखी जाएगी। कॉरपोरेट्स को कर्ज के मामले में बैंक कंसोर्शियम में हर बैंक कम से कम 10 फीसदी कर्ज देगा।

बैंकों ने रीकैपिटलाइजेशन के रोडमैप का स्वागत किया है। आईसीआईसीआई बैंक की एमडी चंदा कोचर ने सरकार के कदम की तारीफ करते हुए कहा कि बैंकों की हालत सुधारने के लिए ये सरकार का काफी अहम कदम है। रीकैप बॉन्ड का एलान काफी अच्छा कदम है, 31 मार्च तक दिया गया समय सही है। नई गाइडलाइंस बैंकिंग सेक्टर के लिए अच्छी है।

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