Friday 5 January 2018

कैसे रहेंगे दिसंबर तिमाही के नतीजे, कहां करें निवेश

दिसंबर तिमाही के नतीजों की शुरुआत हो चुकी है। इस बार नतीजों से क्या उम्मीदें हैं और नतीजों से पहले किन सेक्टर में निवेश फायदेमंद होगा और किन सेक्टर से दूर रहना बेहतर होगा, यही जानने के लिए आइए शुरू करते हैं- कॉरपोरेट इंडिया का फिटनेस टेस्ट जिसमें सीएनबीसी-आवाज़ का साथ दे रहे हैं एचआरबीवी क्लाइंट सॉल्युशंस के चीफ एक्जिक्यूटिव टी एस हरिहर और ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग के संदीप जैन।

बैंक और एनबीएफसी सेक्टर के दिसंबर तिमाही अनुमान पर जानकारों की कहना है कि इस तिमाही में मुनाफे में बढ़ने की रफ्तार धीमी रह सकती है, प्रोविजनिंग में बढ़त जारी रह सकती है। मार्जिन में हल्की बढ़त की उम्मीद तो है लेकिन लोन ग्रोथ की रफ्तार धीमी रह सकती है। इसके साथ ही बॉन्ड यील्ड बढ़ने से ट्रेजरी इनकम पर असर दिख सकता है।

एफएमसीजी सेक्टर के दिसंबर तिमाही अनुमान के मुताबिक पिछले साल के कमजोर आंकड़ों की वजह से ग्रोथ बेहतर रह सकती है। कंपनियों की आय (सिगरेट छोड़कर) में 14 फीसदी ग्रोथ संभव है। वॉल्यूम में अब भी कमजोरी का रुझान कायम रह सकता है। एचयूएल के मुनाफे और मार्जिन में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। वहीं, दाम बढ़ने की वजह से यूनाइटेड स्पिरिट्स के नतीजे बेहतर रह सकते हैं। जबकि जीएसटी की ऊंची दरों से आईटीसी के नतीजों पर असर दिख सकता है।

दिसंबर तिमाही में आईटी सेक्टर की टॉप 5 कंपनियों की डॉलर आय 0.7-2.7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा की डॉलर आय ग्रोथ बेहतर रहेगी। इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस की डॉलर आय ग्रोथ धीमी रहेगी।



दिसंबर तिमाही में फार्मा सेक्टर में आय में साल दर साल ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। मुनाफे में 19 फीसदी और एबिटडा में 15 फीसदी कमी की आशंका है। अमेरिकी कारोबार में गिरावट, रुपए में मजबूती का इस सेक्टर पर असर पड़ेगा। अमेरिकी आय में सालाना आधार पर 11 फीसदी गिरावट की आशंका है। हालांकि घरेलू बिक्री में 12 फीसदी ग्रोथ दर्ज की जा सकती है।

दिसंबर तिमाही में मेटल-माइनिंग सेक्टर में ज्यादा उत्पादन और बेहतर प्राइसिंग से रियलाइजेशन बढ़ेगी। हालांकि कच्चे माल की लागत बढ़ने से मार्जिन में ज्यादा बढ़त नहीं होगी।

दिसंबर तिमाही में ऑटो सेक्टर में वॉल्यूम में अच्छी बढ़त के दम पर नतीजे बेहतर होंगे। कच्चे माल की लागत बढ़ने से मार्जिन में बढ़त सीमित रहेगी। पैसेंजर व्हीकल के मुकाबले दोपहिया और सीवी सेगमेंट बेहतर प्रदर्शन करेगा।

सीमेंट सेक्टर की बात करें तो दिसंबर तिमाही में इस सेक्टर में मांग और दाम में कमजोरी बनी रही है। देशभर में औसत दाम तिमाही आधार पर 2.5 फीसदी घटे हैं। हालांकि पिछले साल के मुकाबले वॉल्यूम ग्रोथ बेहतर रही है। कच्चे माल की लागत बढ़ने से मार्जिन पर असर देखने को मिलेगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दिसंबर तिमाही में ऑर्डर बुक काफी बेहतर रहा है। लेकिन प्रोजेक्ट्स पर कामकाज धीमा होने का असर इस सेक्टर पर दिखेगा।

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