आज नोटबंदी को 1 साल हो गए हैं। नोटबंदी के बाद से बाजार ने शानदार रिटर्न दिए हैं। शेयर बाजार में भी कई ऐसी कंपनियां हैं जिनमें नोटबंदी जैसे मोमेंट देखने को मिले हैं। यहां हम शेयर बाजार में नोटबंदी मोमेंट वाले शेयर बता रहे हैं।
हीरो मोटो
हीरो होंडा ऑटो सेक्टर का सबसे सफल ज्वाइंट वेंचर था। 26 दिसंबर, 2010 को ज्वाइंट वेंचर खत्म करने का करार हुआ। होंडा ने अपनी 26 फीसदी हिस्सेदारी मुंजाल परिवार को बेच दी। ज्वाइंट वेंचर खत्म के बाद हीरो मोटो का मार्केट शेयर 48.1 फीसदी से गिर कर 37 फीसदी तक पहुंच गया।
नोटबंदी के तगड़े झटके के बाद हीरो मोटो में शानदार तेजी देखने को मिली है। हीरो मोटो का 2010 का ऊपरी स्तर 2000 रुपये प्रति शेयर था जो 2013 में 1435 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर आ गया। जबकि आज ये 4091 रुपये पर नजर आ रहा है।
मारुति सुजुकी
पेरेंट कंपनी के गुजरात में प्लांट लगाने की खबर से कंपनी को झटका लगा। सभी बड़े और छोटे निवेशकों ने इस पर सवाल उठाए। मैनेजमेंट की सफाई के बाद निवेशकों का भरोसा लौटा। नोटबंदी के तगड़े झटके के बाद मारुति ने भी शानदार रिटर्न दिया। दिसंबर 2015 में ये शेयर 5800 के उच्च स्तर तक गया। वहीं फरवरी, 2016 में ये शेयर 3200 रुपये के निचले स्तर तक गया। नोटबंदी के बाद मारुति में जोरदार तेजी देखने को मिली और आज ये शेयर 8285 रुपये के भाव पर दिख रहा है।
वीआरएल लॉजिस्टिक्स
वीआरएल लॉजिस्टिक्स का आईपीओ अप्रैल, 2015 में आया। कंपनी का आईपीओ 74 गुना सब्सक्राइब हुआ। ये शेयर 40 फीसदी के प्रीमियम के साथ 290 रुपये पर लिस्ट हुआ था। कंपनी ने मई, 2016 में रीजनल एयरलाइंस शुरू करने का एलान किया। रीजनल एयरलाइंस के एलान के बाद शेयर की पिटाई देखने को मिली। कंपनी ने जून, 2016 में रीजनल एयरलाइंस का प्लान वापस लिया। प्लान वापस लेने के बाद से शेयर में लगातार तेजी देखने को मिली। कंपनी ने कंपनी ने 460 रुपये प्रति शेयर के भाव से बायबैक का एलान किया।
स्पाइसजेट
अजय सिंह ने 2005 में स्पाइसजेट शुरू की। अजय सिंह ने 2010 में कंपनी कलानिधि मारन को बेच दी। साल 2010 के बाद कंपनी के हालात बिगड़ गए और साल 2014 तक कंपनी का घाटा 1000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। दिसंबर, 2014 में कंपनी उड़ानें रुक गई।
अजय सिंह ने 2015 में फिर संभाली कंपनी की कमान संभाली उसके बाद कंपनी ने फिर उड़ान भरनी शुरू कर दी। वित्त वर्ष 2016 में कंपनी ने 450 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया।
नेस्ले
मैगी पर रोक से नेस्ले को जोर का झटका लगा था। मैगी में तय सीमा से ज्यादा एमएसजी, लेड मिला था उसके बाद मई, 2015 में मैगी पर रोक लगाई गई। तब नेस्ले को 17 साल में पहली बार नुकसान हुआ था। जून, 2015 तिमाही में कंपनी को 64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। रोक हटने के बाद मैगी ने बाजार में फिर पैठ बनाई और तगड़े झटके के बाद इस स्टॉक में शानदार रिटर्न देखने को मिला। 21 मई, 2015 को नेस्ले का शेयर 6950 रुपये पर था। जो 29 फरवरी, 2016 तक नीचे की तरफ 4990 रुपये पर आ गया। फिर इस शेयर में शानदार वापसी देखने को मिली और आज ये शेयर 7888 रुपये के स्तर पर नजर आ रहा है।
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