इंश्योरेंस कंपनी और आपके बीच अहम भूमिका निभाने वाली इंश्योरेंस ब्रोकिंग कंपनी, एजेंट या सर्वे करने वाली कंपनी में 100 फीसदी विदेशी निवेश की छूट जल्द मिलने वाली है। सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। फिलहाल इंश्योरेंस ब्रोकिंग में 49 फीसदी एफडीआई की छूट है। इंश्योरेंस इंटरमीडियरिज को इंश्योरेंस सेक्टर का दर्जा है जिसमें इंश्योरेंस ब्रोकिंग, सर्वे कंपनियां शामिल हैं। इंश्योरेंस सेक्टर से 49 फीसदी से ज्यादा एफडीआई पर पाबंदी है। इंश्योरेंस इंटरमीडियरिज को अन्य फाइनेंशियल सर्विसेज का दर्जा देने की तैयारी है। अन्य फाइनेंशियल सर्विसेज का दर्जा मिलने के बाद इसमें 100 फीसदी एफडीआई मुमकिन होगा। आर्थिक मामलों का विभाग इस प्रस्ताव पर सहमत है।
सरकार का फोकस देश में इंश्योरेंस सेक्टर की पहुंच बढ़ाने पर है। अभी भारत में इंश्योरेंस सेक्टर की पहुंच सिर्फ 3.4 फीसदी लोगों तक है जो कि विश्व के औसत से आधा है। नॉन लाइफ सेगमेंट में ब्रोकिंग चैनल का मार्केट शेयर साल 2025 तक 40 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। नॉन लाइफ सेगमेंट में ब्रोकिंग चैनल का मार्केट शेयर अभी करीब 25 फीसदी है। लाइफ इंश्योरेंस सेगमेंट में ब्रोकिंग चैनल का मार्केट शेयर साल 2025 तक 1.3 के मुकाबले 1.6 होने का अनुमान है। सूत्रों के मुताबिक ये प्रस्ताव रोजगार के हिसाब से भी अहम माना जा रहा है। अभी करीब 6 लाख लोगों को इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज में रोजगार मिला हुआ है।
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